Thursday, April 14, 2011

गोदाम नहीं बनवा पाई सरकार

---------------
गोदामों की भारी किल्लत से आखिर गेहूं का भंडारण होगा कहां?
केंद्र ने फिर अलापा 1.50 करोड़ टन अतिरिक्त क्षमता बढ़ाने का राग
-----------------------
देश की खाद्यान्न सुरक्षा के लिए सरकार के पास न गोदाम हैं और न ही भंडारण क्षमता बढ़ाने की कोई पुख्ता योजना है। भंडारण की किल्लत से एफसीआई मुश्किलों का सामना कर रही है। हर साल खुले में रखा करोड़ों का अनाज सड़ रहा है। इसके लिए सरकार अदालत की फटकार से लेकर संसद में फजीहत झेल चुकी है। लेकिन पिछले दो सालों से सरकार भंडारण क्षमता में 1.50 करोड़ टन की वृद्धि का राग अलाप रही है। कई दौर के टेंडर के बावजूद अभी तक किसी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई है।
प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक के अमल के साथ खाद्यान्न की जितनी जरूरत होगी, देश में उतना अनाज रखने का बंदोबस्त नहीं है। भंडारण क्षमता के इस अंतर को पाटने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें जरूर हुईं, लेकिन आधे अधूरे मन से। निजी क्षेत्रों के प्रस्ताव नियम-कानून के मकडज़ाल के चलते सरकारी दफ्तरों में धूल फांक रहे हैं। खाद्य मंत्रालय की तरफ से दो चरणों में टेंडर मांगा गया, जिसमें एक सौ से अधिक निवेशकों ने हिस्सा लिया। लेकिन किसी परियोजना प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिल पाई है।
एफसीआई पंजाब और हरियाणा में ही सबसे अधिक अनाज की खरीद करती है। उसके 80 फीसदी गोदाम भी इन्हीं राज्यों में हैं। यहीं से पूरे देश के लिए अनाज भेजा जाता है। लेकिन नई व्यवस्था में सरकार ने गोदाम बनाने के लिए उन राज्यों को भी प्राथमिकता दी है, जहां अनाज की ज्यादा जरुरत है। ग्र्रामीण गोदामों का विचार भी आया है। लेकिन इन्हें अमली जामा अभी तक नहीं पहनाया जा सका है। इन्हीं मुश्किलों से गुजर रही सरकार की चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही है।
भंडारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में आ रही मुश्किलों के समाधान के लिए अधिकार प्राप्त मंत्री समूह का गठन भी किया गया है। केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भंडारण क्षेत्र के निवेशकों के साथ बैठक कर समस्या समाधान की कोशिश शुरु की। इसके तहत नियमों को सरल बनाते हुए गोदाम बनाने वाली निजी निवेशकों को पहले सात सालों की निश्चित अवधि तक भंडारण की गारंटी का प्रस्ताव दिया गया। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है।
नियमों को सरल बनाने का नतीजा यह हुआ कि गोदाम निर्माण के प्रस्तावों की ढेर लग गई। एफसीआई के उतावले प्रबंधन ने इन प्रस्तावों पर विचार करने का जिम्मा राज्य एजेंसियों और सेंट्रल वेयर हाऊसिंग कॉरपोरेशन (सीडब्लूसी) को सौंप दिया है। इन्हें स्थानीय स्तर पर नोडल एजेंसी नियुक्त कर दिया गया। लेकिन संतोषजनक प्रगति नहीं हो सकी है। सीडब्लूसी ने तो पिछले सालों में खुद की भंडारण की क्षमता में वृद्धि कर ली है। इसी तरह रेलवे के साथ मिलकर उसने सेंट्रल रेलवे साइड वेयर हाऊसिंग कंपनी स्थापित की है। लेकिन निजी निवेशकों के लिए चलाई गई योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। जबकि संसद में सरकार ने फिर दो सालों में डेढ़ सौ लाख टन भंडारण क्षमता बना लेने का भरोसा दिया है।
-----------

3 comments:

Anonymous said...

heya batkahee-surendra.blogspot.com blogger discovered your site via Google but it was hard to find and I see you could have more visitors because there are not so many comments yet. I have found website which offer to dramatically increase traffic to your blog http://xrumerservice.org they claim they managed to get close to 1000 visitors/day using their services you could also get lot more targeted traffic from search engines as you have now. I used their services and got significantly more visitors to my blog. Hope this helps :) They offer backlink tool net seo backlinks backlink solutions Take care. Jay

Anonymous said...

This is the turn journal for anyone who wants to move out out some this issue. You notice so some its most effortful to converse with you (not that I truly would want…haha). You definitely put a new revolve on a issue thats been shorthand virtually for geezerhood. Metropolis clog, only enthusiastic! http://lovemypayday.com/Payday-Loans/KS/Fort-Scott/

Anonymous said...

It's irrelevant. None from the international payday lenders are legitimate.. . All they actually do is collect an upfront fee, steal your own personal info, then deny the money.. . EDIT: If legit international payday lenders exist, please name one. Not one of the links, only a name. http://lovemypayday.com/Payday-Loans/AL/Gulf-Shores/ Do you've an urgent need to obtain some money least with for, is of applicant are verified by the financial institution. They mostly want to understand that you will likely be made like to and wait local payday loan centers. As an example associated with an advertisement that showed benefits only offered to much more interest when compared with ones that need your information. If this can be what your searching for then you the the make cannot fulfill their desire just because you might be not built with enough funds to complete so.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...