Friday, June 1, 2012

मैं उस जमाने का हूं.....हां जी

हैरानी इसी बात की है कि मैं उस जमाने का हूँ, जब दहेज में हाथ घड़ी, रेडियो और साइकिल मिल जाने पर लोग बहुत खुश होते थे। तब बहुएं जलाई नहीं जाती थीं। बच्चे स्कूलों के नतीजे आने पर आत्महत्या नहीं करते थे। इसकी जगह स्कूल में मास्टर जी और घर में पिताजी, धुन दिया करते थे। बच्चे चौदह-पन्द्रह साल तक बच्चे ही रहा करते थे तब मानवाधिकार अजूबी चिरई होती थी। कम लोग ही जानते थे। मैं उस जमाने का हूँ जब कुँए का पानी गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गरम होता था। घरों में फ्रिज नहीं मटके और 'दुधहांड़ी' होती थी दही तब सफेद नहीं हल्का ललौक्षा लिए होता था। सर्दियों में कोल्हू गड़ते ही ताज़े गुड़ की महक से पूरा गांव गमक उठता था। गरीबों के पेट भरने की मुश्किलें खत्म हो जाती थीं। माई उसी ऊख के रस में चावल डालकर बखीर बना लेती थी। आम की बगिया तो थी पर 'माज़ा' नहीं था। 'राब' का शरबत तो था पर कोल्डड्रिंक्स नहीं थे। पैसे बहुत कम थे पर जिंदगी बहुत मीठी। सचमुच मैं उस जमाने का हूँ जब गर्मियां आज जैसी ही होती थीं पर एक अकेला 'बेना' उसे हराने के लिए काफी होता था। दुपहरिया में दरवाजे की सिकड़ी चढ़ा दी जाती थी। बच्चों को घरों में नजरबंद करने में ही माई अपनी सफलता समझती थी। माई थी कि बगल वाली काकी के साथ बिछौने पर साड़ी चढ़ाई जाती थी। सींक से बने 'बेने' और उन पर झालरें लगाने की कला कमाल की थी। तब सरकार की मोहताज नहीं थी जिंदगी बल्कि जीवन में रची बसी थी खुशी। मैं उस ज़माने का हूँ जब गांव में खलिहान हुआ करते थे। मशीनें कम थीं। ज्यादा लोग बैल या भैसो कि जोड़ी रखते थे। महीनों दंवाई यानी मड़ाई चलती थी तब कहीं फसल घर आ पाती थी। पइर पर सोने का सुख मेट्रेस पर सोने वाला क्या जाने। अचानक आई आंधी से भूसा और अनाज बचाते हुए ..हम न जाने कब जिंदगी की आँधियों से लड़ना सीख गये पता ही नही चला। मैं उस जमाने का हूँ जब किसान अपनी जरूरत की हर चीज़ जैसे धान, गेंहू, गन्ना, सरसों, ज्वार, चना, आलू , धनिया लहसुन, प्याज, अरहर, तिल्ली और सांवा सब कुछ पैदा कर लेता था। धरती आज भी वही है पर आज नकदी (फसलों) का ज़माना है। बुरा हो इस आर्थिक उदारीकरण का जिस पैसे के पीछे इतना जोर लगा के दौड़े अब न तो उस पैसे की कोई कीमत है और न इंसान की।

3 comments:

Unknown said...

यही तो दुनिया वाले कह रहे हैं कि आप किस जमाने के हैं जी?

sp singh said...

बस वही तो बता रहा हूं जी।

Anonymous said...

only to check something

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