Wednesday, November 28, 2012
सत्याग्रहियों व केंद्र में समझौता, परसों आगरा में एलान
-ताज नगरी में 11 अक्तूबर को होगा समझौता पत्र पर हस्ताक्षर
-दो दिनों की लंबी चर्चा के बाद 10 सूत्री समझौते को मिली मंजूरी
भूमिहीन आदिवासी सत्याग्रहियों और सरकार के बीच दो दिनों तक चली वार्ता के बाद मंगलवार को समझौते पर सहमति हो गई। समझौता पत्र के प्रावधानों की घोषणा आगरा में 11 अक्तूबर को होगी। समझौते में सत्याग्रहियों की लगभग सभी मांगों को 10 सूत्रीय समझौते में समेटने की कोशिश की गई है। आगरा में आयोजित भूमिहीन आदिवासियों की प्रस्तावित जनसभा में उन्हीं के समक्ष समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे।
ग्वालियर वार्ता के टूटने के बाद समझौते का दूसरा चरण राजधानी दिल्ली में तब शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद पहल की। उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश को इसका दायित्व सौंपा और समझौता कराने तक वार्ता जारी रखने को कहा। इसका जिक्र सोमवार को पत्रकारों से हुई बातचीत में भी जयराम ने किया। दरअसल चार साल पहले इन्हीं आंदोलनकारियों की मांग को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री सिंह ने राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद का गठन किया था, लेकिन आज तक इसकी एक भी बैठक नहीं हो सकी है। इससे आंदोलनकारी ज्यादा खफा हैं।
सूत्रों के अनुसार समझौता पत्र में 10 मांगों को मंजूरी दी गई है। इसमें भूमि सुधार परिषद का पुनर्गठन, भूमिहीन आदिवासियों को आवास के लिए जमीन, भूमि संबंधी विवादों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल का गठन, मछुआरों, खेतिहर मजदूरों, नमक खेती मजदूर, कुष्ठ रोगी, बीड़ी मजदूर समेत अन्य अदृश्य समूहों को भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान शामिल किया गया है।
आदिवासी व अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन पर दबंगों का कब्जा हटाना, विनोबा भावे के भूदान में मिली जमीन का वितरण के लिए राष्ट्रीय स्तर की कमेटी का गठन करने का प्रावधान शामिल किया गया है। राज्यों से जुड़ी मांगों के लिए राज्यों को विस्तार से पत्र लिखा जाएगा। जरूरत पडऩे पर राजस्व मंत्रियों का सम्मेलन और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू किया जाएगा। इन मांगों पर चर्चा के बाद दोनों पक्षों की ओर सहमति बन गई है।
सूत्रों ने बताया कि समझौते के मसौदे पर तो सोमवार को ही सहमति बन गई थी, लेकिन एकता परिषद के वार्ताकार परिषद के नेता राजगोपाल की हामी चाहते थे। दूसरी तरफ सरकार के वार्ताकार जयराम भी प्रधानमंत्री कार्यालय से मसौदे पर मुहर लगवाने के लिए एक दिन का और समय लिया। दोनों पक्षों के वार्ताकार मंगलवार को मिले और आधे घंटे में ही मसौदे को हरी झंडी दे दी गई।
जयराम रमेश ने बताया 'उनके और सत्याग्रहियों के बीच लगभग सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। 11 अक्तूबर को आगरा में सत्याग्रहियों की सभा में सरकार समझौते के प्रावधानों का एलान करेगी।Ó उन्होंने उम्मीद जताई कि भूमिहीन आदिवासी प्रेम की ताज नगरी आगरा से ही अपने अपने घरों को लौट जाएंगे। ऐतिहासिक नगरी में जरूरत पड़ी तो दोनों पक्षों की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे। सत्याग्रहियों की ओर से एससी बहर ने समझौैता हो जाने की पुष्टि कर दी है।
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