Wednesday, April 11, 2012
छटेंगे बूढ़े श्रमिक, एफसीआइ में खुलेगी नई भर्ती
खाद्य सुरक्षा कानून के अमल से पहले सरकार खाद्यान्न भंडारण की सबसे बड़ी एजेंसी एफसीआइ के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने की तैयारी में जुट गई है। आधुनिक भंडारण प्रणाली का मशीनीकरण कर श्रमिकों का उपयोग सीमित किया जाएगा। भंडारण क्षमता बढ़ाने के साथ एफसीआइ में कर्मचारियों व श्रमिकों की भारी में कटौती की जाएगी। बूढ़े श्रमिकों की छंटनी के साथ एफसीआइ में नए श्रमिकों की भर्ती की जाएगी।
केंद्रीय उपभोक्ता व खाद्य मंत्री थामस का कहना है कि उम्र दराज श्रमिकों को ढोना मुनासिब नहीं है। इनकी छंटनी होगी और उनकी जगह नई भर्तियां की जाएंगी। श्रमिकों की शारीरिक क्षमता का परीक्षण भी किया जाएगा। ऐसे श्रमिकों की बड़ी संख्या है, जिनकी उम्र कागज में तो कम दर्ज है, लेकिन असल में बूढ़े हो चले हैं। अब वे छद्म नाम से श्रमिक के तौर पर काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को कार्यमुक्त करना अपरिहार्य हो गया है। श्रमिक यूनियनें भी इसके लिए राजी हैं।
खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून के अमल की राह में आने वाली मुश्किलों को समय से सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने माना कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का पुनर्गठन एक बड़ी चुनौती है। इसमें पर्याप्त सुधार की योजना तैयार कर ली गई है। खाद्य सब्सिडी कम करने के लिए कई तरह के खर्च में कटौती करनी होगी। थामस ने बताया कि चीन व अन्य देशों के आधुनिक रखरखाव की तर्ज पर यहां भी खाद्यान्न के लादने व उतारने का काम पल्लेदारों के बजाए मशीनें करेंगी।
गोदामों को मैकेनाइज्ड करने की राह में श्रमिक यूनियनें रोड़ा बनी हुई हैं। हालांकि एफसीआइ प्रबंधन उनसे लगातार चर्चा कर रहा है। खाद्य मंत्री थामस ने पहल करते हुए खुद उनसे कई दौर की बातचीत की है। नए श्रमिकों की भर्ती खोल दी जाएगी, जिससे यह समस्या खत्म हो सकती है। लेकिन इससे पहले एफसीआइ में बूढ़े हो चले श्रमिकों की छुïट्टी की जाएगी।
एफसीआइ में वर्तमान में लगभग 50 हजार से अधिक श्रमिक काम कर रहे हैं। इन्हें मोटे तौर पर चार श्रेणियों में बांटा जा सकता है। पहले वर्ग में ठेका श्रमिक हैं। जबकि दूसरे वर्ग के श्रमिक एफसीआइ में पंजीकृत हैं और वो जितना काम करते हैं, उसी के अनुरूप मजदूरी का भुगतान किया जाता है। तीसरी श्रेणी के श्रमिकों को न्यूनतम वेतन के साथ उनके काम के आधार पर भुगतान किया जाता है। चौथी श्रेणी के श्रमिक एफसीआइ के स्थायी होते हैं, जिन्हें सरकारी कर्मचारी के तौर पर सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इनकी भर्ती उक्त तीनों वर्ग में लंबे समय तक काम करने के बाद एक तयशुदा प्रक्रिया के तहत की जाती है।
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