Thursday, May 17, 2012
अफसरों पर गिरेगी चीनी आंकड़ों में गलती की गाज!
आंकड़ों के हेरफेर से खेल करने वाले अफसरों पर भला लगाम कौन लगा सकता है? चीनी उत्पादन को लेकर हमेशा से परस्पर विरोधाभाषी आंकड़ों से नफा कमाने का खेल होता रहा है। लेकिन इस बार मामला कुछ अलग था। गड़बड़ करने वाले अफसरों ने वही गड़बड़ आंकड़ा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक तैयार करने वालों को पक़ड़ा दिया। वहां भी आंखे मूंद अफसर बैठे थे। वहां भी होश खोए अधिकारी बैठे थे। एक महीने के चीनी उत्पादन के आंकड़े की जगह चार महीने की चीनी का आंकड़ा जोड़कर औद्योगिक सूचकांक का आंकड़ा ही बिगाड़ दिया। लेकिन इन भलामानुषों को इस जगजाहिर गड़बड़ी का पता तब चला, जब किसी बाहरी ने इस पर सवाल खड़ा किया। अब मंत्रालयों व विभागों के बीच गलती करने वाले की तलाश की जा रही है।
चीनी उत्पादन के गलत आंकड़े देने के विवाद को खाद्य मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है। मंत्रालय में इसकी आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है। मंत्रालय से संबद्ध चीनी निदेशालय के कुछ अधिकारियों पर इसकी गाज गिर सकती है।
खाद्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि चीनी निदेशालय में पिछले दिनों बड़े स्तर पर तबादले किए गए, जिसकी वजह से यह गड़बड़ी हुई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के लिए जनवरी माह के चीनी उत्पादन का आंकड़ा भेजना था, जो 58 लाख टन था। इसके विपरीत चीनी निदेशालय ने अक्तूबर से जनवरी तक पहले चार महीने के चीनी उत्पादन का 1.36 करोड़ टन का आंकड़ा भेज दिया था।
दोगुना से भी अधिक चीनी उत्पादन के मद्देनजर औद्योगिकी उत्पादन सूचकांक असामान्य तरीके से उछल पड़ा था। लेकिन हकीकत का पता चलने पर खाद्य मंत्रालय ने खेद जताते हुए संशोधित आंकड़ा भेजा। सूचकांक तैयार करने वाली पूरी प्रक्रिया कठघरे में आ गई है। खाद्य मंत्रालय ने इस मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
चीनी के आंकड़ों में गड़बड़ी के चलते औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में हुई गफलत पर सरकारी आंकड़े तैयार करने वाली प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में आ गई है। इस गंभीर चूक के लिए खाद्य मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराया गया है। लेकिन उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री केवी थामस ने तो इसके लिए कृषि मंत्रालय को दोषी बताकर खुद पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि 'चीनी उत्पादन के जो आंकड़े उन्हें कृषि मंत्रालय से प्राप्त हुए थे, उन्हें उसी तरह आगे बढ़ा दिया गया था।Ó लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है।
खाद्य मंत्रालय के चीनी निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक चीनी उत्पादन के मासिक आंकड़े सभी मिलें सीधे खाद्य मंत्रालय को भेजती हैं। इसके अलावा राज्यों के गन्ना आयुक्तों की बैठक में इन आंकड़ों की पुष्टि की जाती है। कृषि मंत्रालय केवल गन्ना बुवाई का रकबा तैयार करता है।
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