Wednesday, May 30, 2012
खाद्यान्न के उठाव में देरी, केंद्र पर भड़के हुड्डा
थामस से हुड्डा ने की मुलाकात
-पंजाब के मुकाबले हरियाणा से कम हो रहा उठाव, एफसीआई पर आरोप
-हरियाणा में खुले में पड़ा है एक करोड़ टन गेहूं व चावल
-खाद्य मंत्रालय हरकत में, एफसीआई से उठाव में तेजी लाने का दिया निर्देश
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हरियाणा में एक करोड़ टन से अधिक अनाज खुले में बने जैसे तैसे पड़ा हुआ है। मानसून की बौछारों के साथ इसके खराब होने की आशंका है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसी मसले को लेकर बुधवार को यहां खाद्य मंत्री केवी थामस से मुलाकात की। एफसीआई पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए उन्होंने राज्य से अनाज का पर्याप्त उठाव न होने पर अपनी सख्त नाराजगी जाहिर की। खाद्य मंत्री ने खाद्यान्न के उठाव को तेज करने का भरोसा दिया है।
मुख्यमंत्री हुड्डा ने अपनी नाराजगी जताते हुए यहां तक कह दिया कि पंजाब से गेहूं का उठाव बहुत ज्यादा हो रहा है, लेकिन हरियाणा से गेहूं का उठाव न के बराबर हो रहा है। इससे यहां पड़े गेहूं के सडऩे की आशंका है। 'जागरणÓ से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि उन्होंने राज्य से हर महीने 10 लाख टन अनाज के उठाव की मांग की है। फिलहाल यहां से हर महीने केवल चार लाख टन अनाज ही दूसरे राज्यों को भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री हुड्डा की बातों को सुनने के बाद थामस ने एफसीआई के अधिकारियों की बैठक कर अनाज के उठाव में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि राज्य में कुल 1.50 करोड़ टन गेहूं व चावल का स्टॉक है। इसका दो तिहाई हिस्सा खुले में अस्थाई तौर पर रखा गया है। चालू रबी खरीद सीजन में अब तक 86 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। राज्य में गेहूं के अलावा खरीफ सीजन में खरीदा गया चावल भी पड़ा हुआ है। एफसीआई की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए महेंद्र प्रताप ने कहा कि पंजाब के मुकाबले हरियाणा से अनाजों का उठाव बहुत कम हो रहा है।
राज्य के खाद्य मंत्री सिंह ने कहा कि मानसून की आमद के साथ ही खुले में पड़े गेहूं व चावल के खराब होना तय है। लेकिन इस अनाज के रखरखाव का सारा दारोमदार एफसीआई का है। इसके बावजूद वह लापरवाही कर रही है। हालांकि अनाज के खराब होने से बचाने और गोदामों को खाली करने के लिए ही राज्य सरकार केंद्र से आग्र्रह कर रही है। केंद्र ने आश्वस्त किया है कि इस दिशा में तेजी से कदम उठाये जाएंगे।
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