Wednesday, May 30, 2012

बुंदेलखंड में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय खोलने का रास्ता साफ

-राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित कर राज्यसभा में पेश किया विधेयक -इंफाल की तर्ज पर खुलेगा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय -------------- बुंदेलखंड क्षेत्र में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए शरद पवार ने राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के दो साल पहले बुंदेलखंड दौरे के समय सरकार ने इस कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी। सदन में विधेयक पेश करते हुए पवार ने कहा कि यह विश्वविद्यालय बुंदेलखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है क्योंकि बुंदेलखंड का यह इलाका आज भी आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा है। इस विश्वविद्यालय के दायरे में उत्तर प्रदेश के सात और मध्य प्रदेश के छह जिले आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्व में इंफाल में भी एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित कर चुकी है। पवार के विधेयक पेश किए जाने की सदन से अनुमति मांगे जाने पर माकपा के पी. राजीव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि संविधान के अनुसार संसद इस तरह का कानून बनाने में सक्षम नहीं है। केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना संघ सूची में शामिल नहीं है इसलिए सरकार यह विधेयक पेश नहीं कर सकती। इस पर सदन में भाजपा सहित कुछ अन्य दलों के सदस्य भी आपत्ति उठाने लगे। पवार ने आपत्तियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पचीस साल पहले मणिपुर के इंफाल में जब ऐसा ही विश्वविद्यालय खोला जा सकता है तो बुंदेलखंड में क्यों नहीं? इस पर विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि सरकार इस तरह का विधेयक नहीं बना सकती है। यदि सरकार प्रस्तावित विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित कर दे तो वह इसका विधेयक ला सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि मंत्री सदन को यह आश्वासन दें कि वह सरकारी संशोधन के जरिए विधेयक में ऐसा प्रावधान शामिल करेंगे। जेटली के सुझाव पर पवार द्वारा सहमति जताए जाने के बाद सदन ने इस विधेयक को पेश करने की ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। ------------

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